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Pratapgarh: स्व. शशिधर दंगल प्रतियोगिता के 42वें साल के फाइनल मुकाबले के विजेता रहे हरियाणा के पहलवान।


रिपोर्ट – हरिकेश चौरसिया ब्यूरो प्रतापगढ़

दंगल प्रेमियों के लिए खबर…

लालगंज/ प्रतापगढ़

20 अक्टूबर को प्रतिवर्ष स्वर्गीय शशिधर मिश्रा दंगल प्रतियोगिता का आयोजन लगातार 42 वर्षों से होता चला आ रहा है, इस प्रतियोगिता में देश विदेश के नामी पहलवानों का जमावड़ा लगता है, दंगल प्रेमियों के लिए यह प्रतियोगिता किसी पर्व से कम नहीं होती, क्योंकि हर वर्ष उन्हें एक से बढ़कर एक पहलवानों की कुश्ती देखने को मिलती है,

इस वर्ष की प्रतियोगिता बहुत शानदार तरीके संपन्न हुई, हरियाणा के पहलवान ने जीता फाइनल मुकाबला, इनामो की रही भरमार, भारतीय संस्कृति को दर्शाता हुआ खेल है दंगल, इस खेल में शारीरिक व्यायाम तो होता ही है, साथ ही देखने वाले को मनोरंजन भी भरपूर होता है, 42 वर्षों से भगवतीगंज बाजार में स्व. शशिधर स्मारक पर 20 अक्टूबर को उनकी याद में, जो स्वयं एक नामी पहलवान थे, उनके पुत्रों वर्तमान प्रधान शांति भूषण मिश्र “रज्जन”, शिव भूषण मिश्र “सज्जन” लगातार 42 वर्षों से दंगल प्रतियोगिता का आयोजन करते चले आ रहे हैं,

इस बार की दंगल प्रतियोगिता बहुत ही शानदार रही, लगभग 150 पहलवानों ने प्रतियोगिता में भाग लिया,

इस बार भी 20 अक्टूबर को दीपावली का महापर्व होने के बावजूद भी हजारों की संख्या में दर्शक और सैकड़ो की संख्या में पहलवान इस दंगल प्रतियोगिता में मौजूद रहे, फाइनल मुकाबला नितेश पहलवान हरियाणा और हरेंद्र पहलवान प्रयागराज केसरी के बीच हुआ, जिसमें नितेश ने हरेंद्र को पटकनी देते हुए फाइनल मुकाबला जीतकर 42वें वर्ष के चैंपियन बने, दर्शकों ने कुश्ती भरपूर आनंद लिया, यहां पर आए पहलवानों ने आयोजन समिति को सफल आयोजन करने हेतु धन्यवाद कहा।

इस दंगल प्रतियोगिता की शुरुआत मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध कथा वाचक देवव्रत महाराज जी के द्वारा स्वर्गीय शशिधर मिश्रा जी के मूर्ति का अनावरण करने के साथ हुआ विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे दंडी स्वामी श्री विनोदानंद सरस्वती जी महाराज, व संरक्षक अशोक कुमार मिश्रा एवं कुशल संचालन किया अध्या प्रसाद शुक्ला जी व रामकिशन पहलवान कौशांबी विश्व चैंपियन ने, रेफरी के रूप में निष्पक्ष निर्णय दिया लाल जी त्रिपाठी व प्रदीप कुमार द्विवेदी ने।

यह प्रतियोगिता इतनी मशहूर हो चुकी है की प्रति वर्ष यहां पर देश के कोने-कोने से पहलवानों का जमावड़ा लगा रहता है, इस बार भी महिला और पुरुष पहलवानों का भारी भरकम जमावड़ा देखने को मिला, जिसमें मुख्य रहे नितिन गाजियाबाद, निगम जौनपुर केसरी, आनंद दिल्ली, आलोक लखनऊ, हरेंद्र प्रयागराज केसरी, सुनील जौनपुर, जावेद गनी जम्मू, पागल बाबा अयोध्या, जालम सिंह राजस्थान, लाला उत्तराखंड, वहीं महिला पहलवानों मे रुचि नेपाल, वैशाली दिल्ली, कंचल पंजाब, पायल झांसी, अंशु गाजियाबाद, कोमल दिल्ली, नेहा रांची जैसे कई नामी पहलवानों ने अपनी कुश्ती का प्रदर्शन किया, हजारों की संख्या में चौतरफा दशकों से स्टेडियम भर रहा, प्रतियोगिता के आयोजक शांति भूषण मिश्र व शिवभूषण मिश्रा ने सभी का आभार व्यक्ति करते हुए कहा कि हर साल खुला आमंत्रण रहता है, सभी पहलवानों के लिए और दर्शकों के लिए, इस प्रतियोगिता की खासियत है कि कोई भी पहलवान यहां पर आना चाहता है, तो उसका स्वागत है उसके आने जाने का खर्च और भोजन की व्यवस्था और उचित इनाम उसको दिया जाता है।

इस दंगल प्रतियोगिता में इनाम की भरमार रहती है, साथ ही हर सुविधा का भी ध्यान रखा जाता है, ऊंचे स्थान पर मुलायम मिट्टी से मंच तैयार किया जाता है और कुशल रेफरी के देखरेख में यह प्रतियोगिता संचालित की जाती है, यहां पर आने वाले पहलवान भरपूर इनाम पाकर खुश होते हैं और साथ ही दर्शकों को भी भरपूर आनंद आता है, दिन-ब-दिन यह प्रतियोगिता एक बड़ा मुकाम हासिल करती जा रही है और पूरे भारत में भगवतीगंज, मां काली धाम लालगंज प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश का नाम मशहूर होता चला जा रहा है, आयोजन समिति की तरफ से हर साल 20 अक्टूबर को सभी दर्शकों और आगंतुक पहलवानों का स्वागत रहता है और आगे भी यह प्रतियोगिता प्रत्येक वर्ष 20 अक्टूबर को सुनिश्चित है, जो एक शानदार दंगल के रूप में देखने को मिलती रहेगी।

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