जानकीपुरम पुलिस कि साज गांठ से आरोपी अनीता यादव फरार, महिला पत्रकार आत्महत्या कांड मे
अर्शद/उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ शहर के थाना जानकीपुरम क्षेत्र में महिला पत्रकार नीतू आत्महत्या कांड में थाना जानकीपुरम पुलिस महिला पत्रकार नीतू को टेलीफोन के द्वारा प्रेरित करने वाली महिला आरोपी अनीता यादव तक जानकीपुरम पुलिस पहुंच गई है और उसको गिरफ्तार करने में क्यों असमर्थ हो रही है आखिर इसके पीछे क्या है बड़ा राज?
बीते माह पूर्व थाना जानकीपुरम क्षेत्र के भगत सिंह पार्क के पास एक परिवार अपनी जिंदगी हंसी खुशी बिता रहा था जिसमें एक अज्ञात महिला द्वारा महिला पत्रकार नीतू को टेलीफोन के माध्यम से बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा था जिससे तंग आकर महिला पत्रकार नीतू ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर लिया है आखिर इस तरीके से प्रताड़ित करने वाली अज्ञात महिला को थाना जानकीपुरम पुलिस द्वारा खोज कर निकाल लिया गया है पर गिरफ्तार करने में असमर्थ नजर आ रही है
पीड़ित द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा बनाए गए जनसुनवाई एप्स पर प्रार्थना पत्र दर्ज कराया गया था जिसके संदर्भ में आख्या थाना जानकीपुरम द्वारा दिया गया है कि महिला पत्रकार नीतू को टेलीफोन से प्रताड़ित करने वाली आरोपी महिला अनीता यादव का नाम प्रकाश में आया है और थाना जानकीपुरम पुलिस द्वारा यह भी अंकित किया गया है कि उसके निवास स्थान जिला श्रावस्ती के थाना भिनगा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम जमनानी पुर आधारी पर में बने मकान पर पुलिस द्वारा कई बार दबिश भी दिया गया है पर आरोपी अनीता यादव पुलिस के हाथ नहीं आई।
यह सोचने का विषय है कि हाईटेक कही जाने वाली पुलिस बस नाम तक ही पहुंच पाई है और कई बार दबिश देने के बाद आरोपी अनीता यादव जानकीपुरम पुलिस के हाथ ना आई आखिर जानकीपुरम पुलिस आरोपी अनीता यादव को गिरफ्तार करने में क्यों असमर्थ नज़र आ रही है क्योंकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जानकीपुरम पुलिस की अपराधियो के साथ साज गांठ हो रखी है
बात की जाए तो भारत के संविधान में अपराधी फरार हो जाए तो संविधान के अनुसार और भी तरीके से वेधिनिक कार्यवाही बनती है जिसको थाना जानकीपुरम पुलिस बखूबी से जानती है जिससे बड़े बड़े अपराधी अपने घुटने टेक देते हैं आखिर वहीं दूसरी तरफ जानकीपुरम पुलिस आरोपी अनीता यादव के साथ इतना हमदर्दी क्यों दिखा रही है कहीं पूर्व में पकड़ कर लाए गए पति अजय यादव के द्वारा पुलिस साज गांठ तो नहीं हो गई है या एक जांच का विषय है कि आखिर धीरे धीरे चार माह बीते जा रहा है अपराधी पुलिस के हाथ क्यों नहीं आ रहा है।