भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर किस तरीके से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कसेंगे नकेल
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ शहर के थाना जानकीपुरम पुलिस महिला पत्रकार आत्महत्या कांड के खुलासे में नाकाम साबित हो रही। हाईटेक कहीं जाने वाली पुलिस के कुछ काले कारनामे ऐसे सामने आए हैं जिससे कि पुलिस प्रणाली पर धब्बा है।
बीते महा पूर्व में महिला पत्रकार नीतू को एक अज्ञात नम्बर द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था जिसकी शिकायत पीड़ित द्वारा 1090 महिला हेल्पलाइन पर दर्ज कराया गया था उसके बावजूद 1090 महिला हेल्पलाइन द्वारा खानापूर्ति करके मामले को खामोशी बस्ते में डाल दिया गया था जिसकी वजह से महिला पत्रकार नीतू ने थाना जानकीपुरम क्षेत्र के भगत सिंह पार्क के पास रहने वाली महिला पत्रकार नीतू उम्र (24) ने अपनी जान गवा दिया परन्तु प्रदेश में 1090 महिला हेल्पलाइन को अधिकतर महिलाएं अपनी मदद के लिए प्रयोग करती हैं क्योंकि उनको लगता है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा बनाई गई महिला हेल्पलाइन 1090 पर सख्त कार्यवाही की जाती है और मामले को गोपनीय रखा जाता है वर्तमान समय की बात की जाए तो कार्यवाही के नाम पर 1090 महिला हेल्पलाइन शून्य है।
बीते माह पूर्व 1 जुलाई 2021 को महिला पत्रकार को अज्ञात नम्बर ने इस कदर प्रताड़ित किया कि अपनी जान गवा दी परिजनों द्वारा थाना जानकीपुरम में प्रथम सूचना रिपोर्ट देकर मुकदमा पंजीकृत कराया गया मुकदमे की विवेचना अधिकारी इमरान खान को नियुक्त किया गया जोकि अभी तक कोई कार्यवाही नहीं कर पाए हैं आए दिन पीड़ित परिवार द्वारा विवेचना अधिकारी से अपने मामले की जानकारी लेने के लिए फोन किया जाता है तो उनका फोन नहीं उठता है ऐसे में क्या सोचा जाए कि जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त रवैया अपनाते हुए पुलिस के आला अधिकारियों को बार-बार हिदायत देते रहते हैं कि आम जनता के बीच जाकर उनकी समस्या का समाधान करो पर जानकीपुरम पुलिस के नाक में जु तक नही रेग रहा है आखिर क्या इस तरह की लापरवाही की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक जाएगी इस बात का जानकीपुरम पुलिस को खौफ नहीं है क्या कहीं या महिला पत्रकार आत्महत्या कांड की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गए तो क्या होगा।
आपको बताते चलते हैं कि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महिला पत्रकार नीतू आत्महत्या कांड में विवेचना अधिकारी इमरान खान व उनकी टीम के ऊपर रिश्वतखोरी की ऑडियो भी सामने आई है जिसमें पकड़े गए अजय यादव उर्फ अन्नू यादव के साथ ही बता रहे हैं मोटी रकम लेकर अजय यादव उर्फ अन्नू यादव को थाना जानकीपुरम से छोड़ दिया गया है और उसकी पत्नी को भगा दिया गया है क्योंकि विवेचना अधिकारी इमरान खान और उनकी टीम द्वारा मजबूत पैसे की हिस्सेदारी हुई है आखिर अपराधी अजय यादव और अनु यादव मृतका की मां को फोन करके डराने धमकाने व बोल रहा है कि तुम्हारी बेटी तो मर गई हमें और हमारी पत्नी को जेल करा कर आपको क्या बेटी मिल जाएगी मुकदमा वापस ले लो वरना इसका अंजाम बहुत बुरा होगा और रही बात पुलिस वालों की वो भी हम देख लेंगे तुम मेरा कुछ नहीं कर पाओगे।
इन सब बातों की रिकॉर्डिंग परिजनों द्वारा थाना जानकीपुरम प्रभारी निरीक्षक कुलदीप सिंह गौड़ को दे दिया गया है जिसके बावजूद भी थाना प्रभारी निरीक्षक कुलदीप सिंह गौड़ दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने में क्यों असमर्थ नजर आ रहे हैं कहीं विवेचना अधिकारी वह उनकी टीम के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की पोल ना खुल जाएगी इसलिए महिला पत्रकार नीतू आत्महत्या कांड में दोषियों को गिरफ्तार करने में असमर्थ हैं
एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में लगे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ जानकीपुरम पुलिस उनके भ्रष्टाचार मुक्त अभियान को नाकाम साबित कर रही है क्योंकि उनको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का खौफ नहीं है ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थाना जानकीपुरम के भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर किस तरीके से नकेल कसते हैं?