पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले के तार ममता बनर्जी से भी जुड़ सकते हैं। बताया जा रहा है कि पार्थ चटर्जी ने गिरफ्तारी से पहले ममता बनर्जी को चार बार फोन किया। लेकिन मुख्यमंत्री ने उनका फोन नहीं उठाया। इसके बाद से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
पार्थ के घर मिली पर्चियों से कस गया अर्पिता पर ईडी का शिकंजा।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। क्या पार्थ चटर्जी को अहसास हो गया था कि उन पर शिक्षक भर्ती घोटाले में शिकंजा कसने वाला है? क्या ममता बनर्जी से वह मदद मांगने के लिए फोन कर रहे थे? बताया जा रहा है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार बंगाल सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपनी गिरफ्तारी से पहले चार बार फोन किया था। ममता ने उनका फोन रिसीव ही नहीं किया था। ऐसे में ईडी ने ममता के नाम का जिक्र अपनी कार्रवाई में किया है, जिसका तृणमूल कांग्रेस ने विरोध किया है।
जानकारी के अनुसार, ईडी ने शनिवार को पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की प्रक्रिया आगे बढ़ाई तो पार्थ चटर्जी ने ममता बनर्जी को चार बार फोन किया था, लेकिन काल रिसीव नहीं होने से बात नहीं हो सकी। इस बात का जिक्र ईडी ने अपनी कागजी कार्रवाई में किया है। इसी कारणवश ईडी के अरेस्ट मेमो में ममता बनर्जी का नाम व मोबाइल नंबर आया है।
इसके बाद से ही पार्टी के अंदर काफी गुस्सा है। इसके अलावा एसएससी की ग्रुप डी की नियुक्तियों में हुए भ्रष्टाचार के मामले में भी पार्थ चटर्जी का नाम आया है। इससे जुड़े कागजात ईडी के हाथ लगे हैं। ऐसे में पार्थ चटर्जी के लिए आने वाले दिन संकट भरे हो सकते हैं।
ममता की चुप्पी अपराध की ओर इशारा- अमित मालवीय।
बंगाल भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने रविवार को ट्वीट किया कि ममता बनर्जी की चुप्पी उनके करीबी के अपराध की स्वीकृति की ओर इशारा करती है। हो सकता है कि ममता, पार्थ से दूरी बनाने की कोशिश कर रही हों, लेकिन उनका जुड़ाव जगजाहिर है।
पार्थ के घर मिली पर्चियों से कस गया अर्पिता पर ईडी का शिकंजा
बंगाल में स्कूल सेवा आयोग (SSC) के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही ईडी को ममता सरकार के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी के घर से कागज की कई पर्चियां मिली थीं, जिनके जरिये वह अर्पिता तक पहुंची। किसी पर्ची में अर्पिता मुखर्जी के नाम के साथ ‘वन सीआर’ लिखा था तो किसी में ‘फोर सीआर’। इसी से ईडी को अर्पिता के घर में करोड़ों रुपये छिपाकर रखे जाने का पता चला। ईडी सूत्रों के मुताबिक पार्थ इसी तरह की सांकेतिक भाषा का प्रयोग करते थे।