रिपोर्ट – अनिल शुक्ला बस्ती ब्यूरो
बस्ती। जिले केबनकटीब्लाक के गाँवों में पंचायती राज विभाग द्वारा तैनात किये गये सफाई कर्मचारियों पर शासन प्रशासन का कोई नियन्त्रण नहीं है। जो पर्याप्त वेतन का उपभोग कर अपने फर्ज से गद्दारी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। फिर भी जिम्मेदार अधिकारी इन कामचोर बेलगाम सफाई कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की बजाय उन पर विशेष मेहरबान हैं। ताजा मामला ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत आमकोइल का है।
ग्राम पंचायत में दो गांव आमकोइल के अलावा ठुकठुइया संलग्न है। जिसमें सफाई कर्मी के रूप में क्रमशः सियाराम और नीलम की तैनाती हुई है। लेकिन नीलम के स्थान पर उनका देवर धीरज नीलम की हाजिरी लगाकर तैनाती स्थल से गायब हो जाता है।जब कि विभागीय को छोड़कर गांव के लोग उनके इस षड्यन्त्र को नहीं जानते हैं। इतना ही नहीं नीलम पिछले पांच वर्ष से और सियाराम पिछले दस वर्षों से एक ही स्थान पर विभागीय मेहरबानों की मेहरबानी से नियम विरुद्ध तैनात हैं।जो कर्मचारी नियमों के विपरीत है। आश्चर्यजनक तो यह है कि दोनों असली और नकली कर्मचारी हाजिरी लगाने के बाद कभी दिखाई नहीं पड़ते। जिससे गांवों की सफाई व्यवस्था का सहज ही अन्दाजा लगाया जा सकता है। लगता है कि दोनों ने विभागीय आकाओं को पटा लिया है। कामोवेश यही स्थित समूचे ब्लाक क्षेत्र की है। आरोप तो यह भी है व्यवस्था को मुंह चिढ़ाते हुए अनेकों सफाई कर्मचारी नियुक्त होने के बाद से ए.डी.ओ.पंचायत कार्यालय के सलाहकार/सिपहसालार/व प्रबन्धन का कार्य करते हुये आज तक नियम विरुद्ध तैनात हैं। जो निन्दनीय है।
आरोपों के मामले में जब ए डी ओ पंचायत आशुतोष पटेल से विभाग का पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने काल रिसीव नहीं किया।